रिपोर्ट सुदेश वर्मा/

बागपत/ बडौत/ बरनावा में श्री चंद्रप्रभ दिगंबर अतिशय क्षेत्र मंदिर में शुभ प्रभात में श्री चंद्रप्रभ भगवान का महामस्तकाभिषेक 5 जनवरी रविवार को सकल दिगंबर जैन समाज ने नववर्ष की शुभकामनाओ के साथ संपन्न किया।
सर्व प्रथम भगवान का प्रथम अभिषेक सुमत प्रसाद जैन, सतीश जैन (चन्दायन वाले ) मोदीनगर वालों ने किया।
वायी और से शांतिधारा का सौभाग्य प्रवेश जैन, तुषार जैन, शिप्रा जैन, वरुण जैन, मोदीनगर,
दायी और से शांतिधारा करने का सौभाग्य श्रीपाल जैन,संजय जैन (हर्रा वाले )
भगवान का मार्जन करने का सौभाग्य वीरेश जैन, हिमांशु जैन, अक्षय जैन,
प्रथम महा आरती करने का सौभाग्य नवीन प्रकश जैन, चंद्रभान जैन पटवारी खेकड़ा को
तत्पश्चात संगीतकार भजन गायक शुभम जैन बड़ौत द्वारा भगवान की भक्ति आराधना करते हुए विनय पाठ आरम्भ के साथ, देव शास्त्र गुरु की पूजा के साथ श्री चंद्रप्रभु भगवान का विधान में श्री जी को 72 श्री अर्घ समर्पित किये।
बाल ब्राह्मचारी प्रदीप पीयूष शास्त्री द्वारा प्रवचन में कहाँ गया कि यद्यपि नएवर्ष की शुरुवात सनातन में आर्ष परंपरा के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होता है। जहां नव देवताओं की आराधना की जाती है, उसको नववर्ष कहते हैं। परंतु पाश्चात्य संस्कृति हम लोगों पर हमारी भारतीय संस्कृति लोक करती जा रही है, इसीलिए अज्ञानी अल्पज्ञानी जीव 31 दिसंबर को विदा करता है और नएवर्ष में मौज मस्ती कर जो कार्य नहीं करने चाहिए, वे कार्य करते हैं सनातन परंपरा में सूर्य उदय के सभी शुभ कार्य प्रारंभ किए जाते हैं। परंतु निशाचर राक्षसों की प्रवृत्ति रात्रि में हुआ करती है। इसीलिए बड़े आश्चर्य की बात है कि यह मनुष्य अपनी मानवता को छोड़कर रात्रि में राक्षसों की प्रवृत्ति करता है और अपने जीवन को आध्यात्मिक धर्म को तोड़कर विषय वासनाओं में लिप्त हो जाते हैं,जो चीज भारतीय संस्कृति में नहीं होना चाहिए। वे सभी चीज 31 दिसंबर की अर्धरात्रि को देखने में आती है, क्योंकि पाश्चात्य संस्कृति हमारी युवा शक्तियों पर अपना प्रभाव जमा चुकी है, इसीलिए भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए अतिशय क्षेत्र बरनावा कमेटी द्वारा पाश्चात्य नव वर्ष शुभकामना पर चंद्रप्रभु भगवान के महामस्तकाभिषेक के साथ पूरे विश्व में शीतलता का वातावरण सहज मानवता की प्रवृत्ति संचालित हो इसी भावना के साथ पूरे भारतवर्ष जैन समाज के द्वारा अपितु विदेश से भी हमारे महानुभाव अभिषेक में सम्मिलित होकर अतः हम और आप भी नए वर्ष को प्रभु की भक्ति संस्कारों के साथ मनाई तो हम अपनी भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रख सकते हैं अन्यथा वर्तमान सबको दिख रहा है भविष्य का क्या होगा आप सबको पता है।
इस मौके पर क्षेत्र के महामंत्री पंकज जैन मेरठ द्वारा सभी भक्तो का स्वागत किया गया है।
रजनीश जैन, पवन जैन, संदीप जैन बॉबी, विनेश जैन, अशोक जैन, अलोक जैन, अनिल जैन, अमित जैन, विपिन जैन लक्की,विकास जैन, राकेश जैन, प्रवीण जैन, संजीव जैन आदि लोग रहे है।

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