रिपोर्ट सुधीर सिँह

फर्रुखाबाद / कायमगंज /कम्पिल ।
गंगा के आसपास बसे गांव मे बाढ़ का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि ग्रामीणों को शहर तक आने मे काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के पानी से किसान सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है। खेतों में खड़ी धान व मक्का की फसल बाढ़ के पानी में डूबने से खत्म हो गई। अगैती मक्का की फसल तैयार थी अचानक आई बाढ़ से वो भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।मऊरशीदाबाद-अहमदगंज मार्ग पर बने बुढ़िया पुल से बाढ़ के पानी की निकासी न होने के कारण बाढ़ के पानी के बहाव ने बुढ़िया पुल के उत्तरी दिशा मे मार्ग पर कटान शुरू कर दिया। मार्ग के कटान से अताईपुर निवासी मेघनाथ राजपूत के खेत मे गहरा तालाब बन गया। मार्ग के किनारे मेघनाथ राजपूत का ट्यूबबेल लगा हुआ है जो किसी भी समय गंगा के बाढ़ मे समां सकता है। बुढ़िया पुल के पश्चिम दिशा में पुल के ढ़ोल चोक हो गए हैं जिस कारण बाढ़ का पानी पुल से पास नहीं हो रहा है। पुल के दोनों ओर के मार्ग का कटान हो गया है जिससे किसानो व ग्रामीणों का आना जाना प्रभावित है। ग्रामीण पानी के तेज़ बहाव से गांव मे जाने से डर रहे है। ग्रामीणों ने प्रशासन से नाव की माँग की है।
वहीं कंपिल-अटैना मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो चुका है तथा अधिकतर गांव बाढ़ के पानी से जलमग्न है।
ब्लाक शमशाबाद के बल्लू बेहटा गांव में बाढ़ का प्रकोप इतना बढ़ गया कि खेतों में खड़ी फसलों के साथ-साथ वहां के कूड़ा निस्तारण केंद्र, वाई-फाई टावर, पुराने पेड़ तथा सार्वजनिक शौचालय भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए।
ग्रामीणों का आरोप है कि अभी तक इस ओर किसी भी जनप्रतिनिधि से लेकर शासन-प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।