हेपेटाइटिस बी, के प्रति किया जागरूक मरीजों के खून की जांच के लिए लगाया कैंप
रिपोर्ट सुदेश वर्मा

बागपत/ बडौत/क बरनावा पंचायत घर में हेपेटाइटिस बी व सी के प्रति आम जनता को जागरूकों के लिए एवं पंचायत घर में मरीज के खून की जांच के लिए कैंप लगाया, कैंप में करीब 72 लोगों के खून के सैंपल लिए गए जिसमें से दो पॉजिटिव आए जांच के लिए प्रयोगशाला सरूरपुर भेज दिया। चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अमित गुप्ता ने बताया हेपेटाइटिस बी और सी, लीवर को प्रभावित करने वाले वायरल संक्रमण हैं. ये दोनों ही रक्त के ज़रिए फैलते हैं. हेपेटाइटिस बी, लार और वीर्य के ज़रिए भी फैल सकता है. हेपेटाइटिस बी वायरस, हेपेटाइटिस सी की तुलना में लगभग 5-10 गुना ज़्यादा संक्रामक है.
हेपेटाइटिस बी के तीव्र संक्रमण में ज़्यादातर मामलों में 6 महीने में अपने-आप ठीक हो जाता है.
हेपेटाइटिस सी से पीड़ित 60% से 80% लोगों में क्रोनिक बीमारी विकसित हो जाती है.
हेपेटाइटिस बी से ठीक होने के बाद, एंटीबॉडी बन जाती है जो जीवन भर वायरस से बचाती है.जॉन रोगों से गंदा खून चढ़ाने से बच्चों से होने का संक्रमित होने का डर रहता है। सभी नवजात शिशुओं को एच.बी.वी. का टीका लगवाना चाहिए। सभी स्वास्थ्य सेवा कर्मियों का टीकाकरण अनिवार्य है उनके एंटीबॉडी स्तरों की भी जाँच/निगरानी की जानी चाहिए। सभी गर्भवती महिलाओं की एच.बी.वी. संक्रमण के लिए जाँच की जानी चाहिए, संक्रमित महिलाओं के नवजात शिशुओं को एच.बी.वी. के संक्रमण को रोकने के लिए पर्याप्त प्रोफिलैक्सिस दिया जाना चाहिए। एच.बी.वी. संक्रमण की उपस्थिति के लिए सभी रक्त उत्पादों की अच्छी तरह से जाँच की जानी चाहिए। ब्लेड, टूथब्रश सुइयों को साझा न करें, यदि कई यौन साथी हैं तो कंडोम का उपयोग करें। इस दौरान डॉक्टर गुफरान फार्मासिस्ट संजीव तोमर ऐ आर ओ सोनेश कुमार एएनएम छवि आशीष CHO , सहदेव आईटी और अन्य स्टाफ उपस्थित रहा।
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