रिपोर्ट सुदेश वर्मा/

बागपत /बडौत/ बिनौली विकास खंड के गांव बरनावा में हिंडन और कृष्णी नदियों के जहरीले पानी के प्रभाव से युक्त सब्जियां लोगों तक पहुंच रही है। दोनों नदियों के किनारे बसे गांवों के किसान हजारों बीघा जमीन पर सब्जियों की पैदावार कर रहे हैं। चिंताजनक बात यह है कि सब्जियों की सिंचाई प्रदूषित पानी से हो रही है, उसके साथ ही सब्जियों की धुलाई भी प्रदूषित पानी से करते हैं। यह लापरवाही लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। इतना सब कुछ हो रहा है, लेकिन तंत्र अंजान बना हुआ है। सब्जियां नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली आदि जिलों में आपूर्ति की जा रही है।
इन गांव में हो रही सब्जियों की पैदावार
इन नदियों के किनारे बसे जनपद के बरनावा, दादरी, खपराना, शाहपुर बाणगंगा, शेखपुरा, गल्हैता, रहतना, रंछाड़, सूजती, चिरचिटा, मवीकलां व मेरठ जनपद के हर्रा, खिवाई, पांचली बुजुर्ग, बपारसी आदि गांवों में गाजर, मूली, शलगम, आलू, बैंगन, गोभी, प्याज, टमाटर, लौकी, मिर्च, मैथी, भिंडी, पालक, तुरई आदि सब्जियों की पैदावार कर नोएडा मेरठ नजीबाबाद साहिबाबाद सरधना सोनीपत पानीपत रुड़की लोनी खतौली वी आजादपुर मंडी दिल्ली आदि जगहों के बाजारों में बेची जाती है
यह रसायन मिले हैं नदियों के पानी में
हरियाणा सरकार के पर्यावरण विभाग में पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.चंद्रवीर सिंह राणा बताते हैं कि प्रदूषित हिंडन व कृष्णी के पानी में लैड, नाइट्रेट मरकरी, आर्सेनिक, सल्फेट क्रोमियम, निकिल, कैडमियम, सल्फेट आदि खतरनाक केमिकल मिले रहते हैं। यह जांच में सामने आया है, जो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों को जन्म दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि केमिकल युक्त नदियों का पानी भूजल स्तर को भी प्रभावित कर रहा है। जिसका असर हैंडपंपों में भी पहुंच रहा है। जिसके चलते एनजीटी के आदेश पर इन नदियों किनारे के गांवों में लगे करीब 300 सरकारी हैंडपंप उखड़वाए गए हैं। इस पानी से सब्जियों की सिंचाई व धुलाई करना बहुत खतरनाक है। जिसका सीधा असर सेवन करने वालों के के स्वास्थ्य पर पड़ेगा। प्रशासन को इस पर रोक लगानी चाहिए

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