हिंडन नदी के पानी से डूबी आलू व गेहूं की फसल, किसानों ने मुआवजे की लगाई गुहार
बागपत। हिंडन नदी का पानी उफान पर आने से क्षेत्र के कई गांवों की आलू व गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। सिंगोली तगा, फुलेरा, सरफाबाद, गोना, पूरनपुर नवादा और गढ़ी कलंजरी सहित लगभग आधा दर्जन गांवों के किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। बाढ़ ने उनकी मेहनत पर पानी फेरते हुए आर्थिक स्थिति को भी डगमगा दिया है।
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सिरौली के भंवर सिंह, सरफाबाद के राकेश, भोपाल, मुन्ना शेख, विद्याराम, महक सिंह और नरेंद्र कुमार सहित कई किसानों की करीब 200 बीघा आलू की फसल बर्बाद हो चुकी है। प्रभावित किसानों ने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाते हुए कहा है कि यदि जल्द ही उनकी मदद नहीं की गई, तो उनके परिवारों का जीवनयापन करना मुश्किल हो जाएगा।
किसानों ने प्रशासन से अपील की है कि बर्बाद फसल का तुरंत सर्वेक्षण कराकर उचित मुआवजा दिया जाए। उनका आरोप है कि प्रशासन ने जलभराव रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे यह स्थिति पैदा हुई है।
ग्रामीणों ने बताया कि बीते दो साल से धान की फसल बर्बाद हो रही थी, लेकिन इस बार रबी सीजन में आलू और सरसों की फसल भी बर्बाद हो गई। सिंचाई विभाग के अधिकारियों से जब ग्रामीणों ने जानकारी ली, तो उन्हें बताया गया कि गंग नहर से छोड़ा गया पानी हिंडन नदी में उफान का कारण बना है।
किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
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